Budget 2023

भारत के माननीय वित्त मंत्री ने अमृत काल - एक सशक्त और समावेशी अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण को कवर किया, और समावेशी विकास, बुनियादी ढांचे और निवेश पर इस बजट की प्राथमिकताओं को रखा, हरित विकास और युवा शक्ति। यह एक विकासोन्मुखी बजट है और माननीय वित्त मंत्री ने देश के हर क्षेत्र के लिए धन आवंटित किया है। बेशक कृषि हमारा कोर सेक्टर है, साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर, हेल्थ सर्विसेज, इनोवेशन, डिजिटल इंडिया आदि पर इस बजट में विशेष ध्यान दिया गया है। सरकार ने पूरे दिल से हमारे रक्षा बजट के लिए धन आवंटित किया है। सरकार ने सबसे मेहनती और ईमानदार करदाता भारत के मध्यवर्गीय लोगों को भी अपने ध्यान में रखा है। हम टैक्स स्लैब में बदलाव की मांग कर रहे हैं और विभिन्न छूट और कटौतियों की सीमा में वृद्धि की मांग कर रहे हैं। सरकार ने इस बजट के माध्यम से लोगों के एक बड़े वर्ग को संतुष्ट करने के लिए बहुत कुछ किया है। 

मोटा मोटा इस साल के बजट से लगभग रु. 37,500 का अतिरिक्त लाभ केवल व्यक्तिगत करदाताओ को नए टैक्स रेजीम में मिलने वाला है और शासन भी यही चाहता है की आने वाले समय में सभी करदाता इस नए टैक्स रेजीम को अपना ले। वह भी तब जब उनकी आय 15 लाख रु या उससे ज्यादा हो  और होम लोन पर ब्याज की छूट न लेते हो 

Budget 2023 Highlights

नई कर व्यवस्था ही अब डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था है। नई कर व्यवस्था को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए सरकार ने 5 प्रमुख उपाय किए हैं। करदाताओं के पास पुरानी कर व्यवस्था  को चुनने का विकल्प अभी भी मौजूद है।

वित्त वर्ष 2023-24 (आयकर निर्धारण वर्ष  2024-25) के लिए नई कर व्यवस्था स्लैब में बदलाव:

नई कर व्यवस्था के तहत 7 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट की शुरुआत की गई है। इसका मतलब यह है कि 7 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं को कोई कर नहीं देना होगा। 

मानक कटौती 

वेतन आय: नई कर व्यवस्था के तहत ₹50,000 की मानक कटौती की भी छूट प्राप्त होगी  जिससे प्रभावी रूप से आपकी  ₹7.5 लाख  तक की आय कर-मुक्त आय हो जाएगी। 

पारिवारिक पेंशन पर मानक कटौती  ₹15,000 या पेंशन का 1/3, जो भी कम हो। 

नई कर व्यवस्था के तहत उच्चतम अधिभार ₹5 करोड़ से अधिक आय वाले लोगों के लिए 37% से घटाकर 25% कर दिया गया है। 

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रिजम्टिव कराधान सीमा को भी संशोधित किया गया है  :

छोटे व्यवसायों के लिए इस सिमा को 2 करोड़ रु से 3 करोड़ रु कर दिया गया है यदि प्राप्तियों का 95% ऑनलाइन चैनल के माध्यम से प्राप्त किया गया हो। 

प्रोफेशनल पेशेवरों के लिए भी इस सीमा को 50 लाख रु से 75 लाख रु कर दिया गया है । 

लीव एनकैशमेंट गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए छूट की सीमा को ₹ 3 लाख से बढ़ाकर ₹ 25 लाख कर दिया गया है। 

इस प्रकार, सेवानिवृत्ति के समय, अधिकतम 10 महीने की अवधि के लिए ₹25 लाख तक का अवकाश नकदीकरण धारा 10(10AA) के तहत कर-मुक्त है।

ईपीएफ की कर योग्य निकासी पर टीडीएस दर को 30% से घटाकर 20% कर दिया गया है।

एमएसएमई को भुगतान 45 दिनों की अधिकतम सीमा के साथ लिखित रूप में सहमत समय सीमा के भीतर किया जाना चाहिए। यदि कोई लिखित समझौता नहीं है, तो समय सीमा 15 दिन है। इस समय सीमा के बाहर किए गए किसी भी भुगतान को वास्तव में भुगतान किए जाने वाले वर्ष में ही घटाया जा सकता है (व्यय के रूप में)।

एक प्राथमिक कृषि ऋण समिति या एक प्राथमिक सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक द्वारा अपने सदस्यों या इसके विपरीत एक ऋण स्वीकार या चुकाया जाता है तो धारा 269SS या 269ST के तहत कोई जुर्माना नहीं लगेगा।

धारा 54 से 54एफ के तहत पूंजीगत लाभ पर कर छूट रु 10 करोड़ तक ही सीमित कर दी गयी है पहले कोई सीमा नहीं थी।ऑनलाइन गेमिंग से होने वाली शुद्ध जीत पर 30% कर लगाया जाएगा। 1 जुलाई 2023 से ऐसी शुद्ध जीत (वर्तमान में दर 30%) पर टीडीएस नहीं कटा जाएगा।

इन निधियों में किए गए दान 80 जी की कटौती के लिए पात्र नहीं होंगे: 

जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड

इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट और

राजीव गांधी प्रतिष्ठान